On the night of 16 December 2012, the four poor people who played a game of cruelty with Nirbhaya were hanged. After seven years, Nirbhaya and his family got justice today. Last night was very terrible for the convicts and these people could not sleep the whole night and kept asking the jail personnel again and again whether any order had come from the court. Vinay's condition was worst among the four convicts of Nirbhaya just before the execution.
16 दिसंबर 2012 की रात निर्भया के साथ हैवानियत का गंदा खेल खेलने वालों चारों दरिंदों को फांसी दे दी गई है। सात साल बाद आज जाकर निर्भया और उसके परिवार वालों को न्याय मिला। दोषियों के लिए बीती रात बहुत ही भयानक रही और ये लोग पूरी रात सो नहीं पाए और बार-बार जेल कर्मियों से पूछते रहे कि क्या अदालत से कोई ऑर्डर आया है। फांसी से ठीक पहले निर्भया के चारों दोषियों में विनय की हालत सबसे ज्यादा खराब थी।
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